उन्हें लगता है सब ठीक है | Breakup Poem in Hindi | Heart Touching Lines | Sad Shayari

 उन्हें  लगता है सब ठीक है,

चेहरे पर रोनक जो है मेरे। 

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खामोश हूँ कोई वजह नहीं पूछता

अँधेरा है घर, कोई ला दो सवेरे।

 

अंदर है कुछ कुछ अजीब-सा मन

किस-किस से लडू कौन है दुश्मन।

कोशिश कर चुका मैं लाख समझाने की

पर वो जिद्द पर अड़े है मेरी लाश सजाने की। 


गलती मेरी थी मैं मानता हूँ,

अब तो माफ करो मैं माफ़ी भी मांगता हूँ।

मेरे दम घुटता है, वहा नहीं रहा जाता।

तुम समझने की कोशिश करो

मुझे कुछ समझ नहीं आता।


तुमने कहा था मुझसे कि

मुझे खुश देखना चाहते हो।

अब क्या हुआ ?

अब क्यों खुद ही मुझे

पल-पल मार रहे हो ?


मुझे वक़्त चाहिए थोड़ा-सा

मैं वो कर दूंगा जो किसी ने नहीं किया।

वादा है मेरा रिहा कर दो

तुम्हे मुझ पर इतना भी भरोसा नहीं क्या ?

 

मैं सोता नहीं हूँ आजकल रातो को भी

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आँखों से आँशु भी नहीं देखे होंगे कभी।

छुप-छुप के रोया मेरी परेशानी छुपा के,

हर चेहरे के आगे थक चूका मुस्कुरा के।

 

 

मैने इतनी हिम्मत से आक सब कुछ तो तुम्हे बता दिया था।

मुझे लगा था, तुम सब समझ जाओगे और मेरा साथ दोगी।

मुझे लगता था, कि तुम्हे मेरी फ़िक्र सब से ज्यादा है।

पर उस दिन पता चला कि

ये समाज तुम्हारे लिए मुझसे पहले आता है।

 

जिद्द करी तुमने भी

मैने भी काफी जिद्द की।

मैने मेरे हालात जाहिर की

कितनी दफा तो तुमने भी उफ़ करी।

 

थोड़ा समझाने के बाद मुझे लगा कि

मेरी बात पर गौर करोगी। 

हर बार मेरी उम्मीद से अलग हो तुम

हर बार ही कुछ और करोगी।

 

 

मैं साथ नहीं माँग रहा था। 

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मैं तो बस वक़्त माँग रहा था।

मुश्किल इसमें क्या थी

कौन-सी ऐसी जन्नत माँग रहा था ?

 

मैं टूटा था उस दिन काफी

जो बेवजह की सजा थी।

वैसे खुद भी तकलीफ होगी बाद मे,

अभी तो सिर्फ मे ही झेलूँगा। 

 

आज आशु मेरे देखे नहीं।

कल को खुद अपनी गलती का

पछतावा तो होगा ही।

 

 

जंग का मैदान बना हुआ है 

कौन जीतेगा कौन हारेगा ?

फ़िलहाल खुद से लड़ रहा हूँ

कब से नहीं पता।

 

 उन्हें  लगता है सब ठीक है,

चेहरे पर रोनक जो है मेरे।

खामोश हूँ कोई वजह नहीं पूछता

अँधेरा है घर कोई ला दो सवेरे।

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