झूठा प्यार | Fake Love Poem | Fake Love Shayari | Heart Touching Poem in Hindi
आज की ये Shayari या यूँ कहूँ कि ये Poem आज-कल की मोहब्बत पर है। जैसा आजकल होता है कि लोग प्यार को सिर्फ एक खेल के समान ही मानते है | और बस Time-Pass करते रहते है | एक-दूजे की Feelings के साथ खेलते रहते है। एक-दूजे को Hurt करते रहते है। और फिर जब उनका मन भर जाता है तो अपने Partner को छोड़ कर चले जाते है। उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ता कि उसके उस दो पल के Time-Pass के चकर मे उसके Partner की पूरी जिंदगी खराब हो जाती है। और फिर वो उससे बदला लेना की सोचता है। तो आज की ये Poem इसी के इर्द-गिर्द रहेगी। जहाँ
एक लड़का होता है। वो एक लड़की से बेइन्ताह मोहब्बत करता है। लेकिन लड़की सिर्फ अपना Time-Pass करती है। और आखिर मे उसको धोखा देकर चली जाती है। उसके जाने के बाद लड़का पल-पल तड़पता रहता है। खुद को ही कोसता रहता है कि क्यों उसने उस बेवफा से प्यार किया? तो इसी पर दो Lines लिखी है कि
तेरे खेल को प्यार मैं समझ बैठा
वो गलती मेरी आखिरी थी।
हाँ सच्चा प्यार मे तुझसे कर बैठा
वो गलती मेरी आखिरी थी।
तु मसरूफ रही हरदम ही
रकीब की बनावटी बातो मे।
तब की थी कोशिश एक, तुझे मनाने की
वो कोशिश मेरी आखिरी थी।
सयाने शायर फरमा गए....
सयाने शायर फरमा गए कि
मोहबत्त एक मजाक है
एक गलती है, और कुछ नहीं।
तो आज मैं भी कह देता हूँ कि
वो गलती मेरी आखिरी थी।
हाँ वो गलती मेरी आखिरी थी।
नादान शायर
तो वापिस आज की अपनी इस Poem पर आता हूँ जिसका नाम है " नादान शायर " । तो शुरू करता हूँ कि
नादान -सा शायर हूँ।
नादान -सा शायर हूँ।
नादानी मे आज कुछ ऐसा
मैं कह जाऊँगा कि बदनाम होगी तु।
और तुझे बदनाम करके
आज एक नाम मैं हो जाऊँगा।
एक दफा हमने पूछा उनसे कि क्या
अब तुम हमे याद नहीं करते ?
बड़ी ही बेशर्मी से वो कह गए कि
ऐसी फालतु और बेकार की बात करके
हम अपना वक़्त बर्बाद नहीं करते।
फालतु - बेकार
हाँ यही था हमारी सच्ची मोहब्बत का इनाम।
हम प्यार करते रहे, करते रहे, करते रहे
और प्यार करते करते एक दिन
हम हो गए फालतु और बेकार।
जब सादगी ढूँढने हम निकले तो
खाली मिला हमे इश्क़ का बाजार।
ना ढूंढ सके एक भी सच्चे प्यार का खरीदार।
खाली हाथ भी ना लौटना था
तो खरीद लाये हम कुछ सिक्को वाला प्यार
एक दिखावे वाला प्यार।
हुआ जिस दिन ये दिखावा खत्म
उस दिन से हम हो गए फालतू और बेकार।
याद है भरी महफ़िल मे तुने हमे फालतु और बेकार बताया था ना।
भरी महफ़िल मे तुने हमे फालतु और बेकार बताया था।
खुदा कसम उस दिन तुने हमे बहुत रुलाया था।
अब मेरी बारी है, मैं तुझे रुलाऊँगा
अरे! नादान - सा शायर हूँ।
नादानी मे बेवफाईया तेरी गिना जाऊँगा।
कि बदनाम होगी तु
कि शर्मसार होगी तु।
और तुझे शर्मसार करके मैं एक नाम हो जाऊँगा।
आगे जो लिखा है वो कुछ ऐसा है कि मैं बताने की कोशिश कर रहा हूँ कि मेने उससे प्यार किया। उसने साजिशे की। मैने नज़रअंदाज़ किया। फिर उसने मुझे धोखा दिया। और मेरी नफरत जागी।
साथ जुड़ने कि कोशिश किजियेगा कि
थोड़ा ना आधा
प्यार किया तुजे रब से ज्यादा।
प्यार दिया तुझे सब से ज्यादा।
जब बदले मेरे हालात
तो बदला तूने भी रंग।
अरे! खेलती रही मेरे साथ वो
मेरे प्यार का बना कर सतरंज।
फिर भी खुश था मैं , ये सोचकर कि तु है
इस खेल की रानी और मैं इस खेल का राजा।
ना जाने केसी बाज़ी पलटी उस बेवफा ने कि
इस राजा को मार गया एक छोटा - सा प्यादा।
अब नफरत कि
थोड़ा न आधा प्यार किया तुझे हद से ज्यादा।
प्यार दिया तुझे सब से ज्यादा।
अब नफरत होगी प्यार से ज्यादा।
क्या याद हैं वो कविताये
जो अपने होठो को कलम बनाकर
लिखी थी तेरे लबों पर।
अरे! कैसे याद होगी
मेरे बाद तो नाजाने तूने कितने शेर पढ़े होंगे।
अरे! अब कहा समझ पायेगी तु
मेरी इन कविताओं को।
अब कहाँ तेरे लबो पर
मेरी श्याही के निशा बचे होंगे।
तेरी मोहब्बत महज़ एक मजाक थी।
आज ये बता दी हकीकत तुने।
बताया महफ़िल मे मेरे आशुओं को पानी।
मेरे अश्कों की कभी समझी न कीमत तुने।
देख तेरे दर्द सब, आज भी संभाल कर रखे है।
इस उम्मीद मे कि एक दिन सुत-समेत सब लौटाऊँगा तुझे।
नादान-सा शायर हूँ
नादानी मे आज तेरा नाम ले जाऊँगा।
आज तार-तार होगी तु।
मेरे शब्दो से तार-तार होगी तु।
और तुझे जख्मी कर मैं एक नाम हो जाऊँगा।
My Favourite Lines From This Poem
काजल-सा सजाया करता था तुझे, पलकों पर
तराशा हुसन तेरा अपनी स्याही से।
कल तक, जब तक तु मेरे लिए खाश थी।
आज मैं कहता हूँ भरी महफ़िल मे की
जो फट जाये तेरे कपडे मेरी कलम से।
तो जा नहीं डरता उस अहसास से।
जा नहीं डरता उस अहसास से।
जब जाने लगे वो छोड़कर तो लगा कि
उनके साथ चले ऐसी किस्मत नहीं हमारी।
पर जब खुद को पहचाना तो जाना कि
मेरे सामने आकर नज़रे मिला पाना।
ऐसी औकात नहीं तुम्हारी।
इस दिल का सुनहरा प्यार देखा था ना।
अब इस सिने की सुलगती नफरत तुझे दिखाऊँगा।
अरे! नादान-सा शायर हूँ।
नादानी मे कुछ ऐसा मैं कर जाऊँगा कि
बदनाम होगी तु।
शर्मसार होगी तु।
और तुझे बदनाम करके मे आज एक नाम हो जाऊँगा।



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