फिर भी आज जिंदा खड़ा हूँ मैं | Motivational Poem | Heart-Touching Shyari 2021
कितनी ही बार लड़ा हूँ मैं
फिर भी आज
जिंदा खड़ा हूँ मैं
रात भर रो-रो के
झुठी मुस्कान से सुबह जगा हूँ मैं
आँखों मे कुछ खवाब लिए
मंजिल देख रहा हूँ मैं
धुंधले है रास्ते
आसमा भी काला है
डर लगता है कई दफा
क्या कुछ होने भी वाला है
सोच मे बात आती है
कि सब कुछ छोड़-छाड़ दू मैं
चिल्ला रहा हूँ आवाज़ सुनो
एक-एक करके क्या जवाब दू मैं
हाथ- पैर हाथ-पैर
मार रहा हूँ मै
डूबना नहीं चाहता
डूब भी जाऊ गहराई मे
तो हिम्मत से टूटना नहीं चाहता
तैरना नहीं आता
पर कुद कर इस दरिया के
लेहरो से लड़ रहा हूँ मैं
फिर भी जिन्दा खड़ा हूँ मैं
रोकती है कई चीज़े
खिचती है अपनी तरफ
मंजिल तक पहुँचने की
बढ़ती है फिर कसमकस
लिखने से क्या होता है आजकल
कौन सुनेगा तेरी आवाज़ को
इन बातो ने बहुत बार
कानो को छुआ है
रोका है मेरे आगाज़ को
कुछ राज़ है
जो सफर मे चलते-चलते नही बता सकता
एक दफा अपनी दुनिया देख लु
उससे पहले मेरी कहानी से
रु-ब-रु नहीं करवा सकता
पैदल चलते-चलते
घिस्से जूतों को लेकर
नहीं पता
क्या कुछ आगे भी बढ़ रहा हूँ मैं
फिर भी जिन्दा खड़ा हूँ मैं
हार तो नहीं मानने वाला
पता है ना कि
कितना ढीठ हूँ मैं
जिंदगी से हज़ारो बार
पिटने के बावजूद भी
जिंदगी के बेहद करीब हूँ मैं
आँखों मे पानी के अलावा
कुछ सपने भी है
जिनकी चमक दिखती होगी
मेरी कहानी मुझे लिखने दो
मैं ही लिखुंगा
किस्मत तो अपनी तरफ से
कुछ भी लिखती होगी
खुद से जिंदगी से
कितनी ही बार लड़ा हूँ मैं
फिर भी आज
जिंदा खड़ा हूँ मैं
रात भर रो-रो के
झुठी मुस्कान से सुबह जगा हूँ मैं
आँखों मे कुछ खवाब लिए
मंजिल देख रहा हूँ मैंफिर भी आज जिंदा खड़ा हूँ मैं
फिर भी आज जिंदा खड़ा हूँ मैं


Comments
Post a Comment