खुश तो है ना तु | Sad Poem in Hindi | Heart Touching Shyari
खुश तो है ना तु
तुझसे दूर जो हूँ।
हाँ मैं भी ठीक हूँ बस
मजबूर जो हूँ।
क्या फर्क पड़ता है
छुप जाने से।
तेरी जिंदगी का एक
अँधेरा जो हूँ।
खुश तो है ना तु
तुझसे दूर जो हूँ।
हाँ मैं भी ठीक हूँ बस
मजबूर जो हूँ।
अधूरा सफर तो तूने किया
फिर सजा मुझे क्यों मिल रही है।
मैंने सिर्फ प्यार किया तुझसे
और आंखे भी मेरी ही रो रही है।
तु अब बदली है या
मैने किसी और को पढ़ा था।
जो इस अधूरे सफर मे मेरे
तेरी मज़िल नहीं।
तेरी मज़िल नहीं।
अधूरा हूँ आज भी मैं
तेरा अहसान जो हूँ।
खुश तो है ना तु
तुझसे दूर जो हूँ
हाँ मैं भी ठीक हूँ बस
मजबूर जो हूँ।
सुना है तेरी गलियों मे
अब नये चेहरे रहने लगे है।
वो वक़्त दफ़न हो गया कही
और हम पराये होने लगे है।
कुछ झूठ लगा मुझमे कोई
या तुझे ही सच पसंद नहीं।
होता हूँ अपने पास ही मैं
बस तेरे साथ के वो पल
अब ज्यादा याद आने लगे है।
ज्यादा याद जो आने लगे है।
और याद भला क्यों न आये
तेरा एक बिता हुआ ख़्वाब जो हूँ।
खुश तो है ना तु
मुझसे दूर जो है।
हाँ मैं भी ठीक हूँ बस मजबूर जो हूँ।
कुछ कम ज्यादा मत कर
छोड़ दे मुझे।
जी ले तु अपने सुकून मे
और जीने दे मेरे साथ मुझे।
मुझमे अब अँधेरा रहने लगा है आजकल
रहने दे।
हो जाऊँगा एक सुबह भी खुद का
अब क्या फर्क पड़ता है तुझे।
फर्क तो मुझे पड़ता है
वो अधूरी किताब जो हूँ।
खुश तो है ना तु मुझसे दूर जो है
हाँ भी ठीक हूँ बस
मजबूर जो हूँ।



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