अधूरी कहानी | Sad Shyari 2021
मेरी किताब के कुछ पन्ने खो गये
एक कहानी भी अधूरी सी रह गयी।
मैं सफर भी ना रहा उसका और
मेरी मंज़िल भी खो गयी।
मंज़िल भी खो गयी।
कुछ जुड़ा है आज भी मुझसे तेरा
हो नहीं रहा कुछ भी अलग तुझसे मेरा।
लिख दी तुमने एक अधूरी सी कहानी
अब कर भी दो ना मुझे इन सब से रिहा।
इन सब से रिहा।
मेरी साँसे भी हवा हो चली है।
खुदको सँभालु कैसे ?
बताओ तो ज़रा
तुम छुप जाओगे, मैं नहीं ढूँढूँगा।
तुम चले जाओगे, मैं नहीं रोकूंगा।
लेकिन कभी सोचा है तुमने
तुम्हारे ना होने से मुझमे बाकी
क्या रहा ?
बाकी क्या रहा।
मैं ही अधूरा था या
तुमने आगे पढ़ा ही नहीं।
मैं पागल था या तुमने
उससे ज्यादा कभी मुझे समझा ही नहीं।
मिल जाता हूँ यादो के तुफानो से
मैं होता हूँ वहाँ पर
तुम वहाँ होते क्यों नहीं ?
होते क्यों नहीं।
अब खो चला हूँ मैं
मत ढूंढने आना मुझे
हो जाने दो चूर-चूर
कोई फर्क भी कहाँ पड़ता है तुझे।
हक नहीं मुझे कोई कि
मैं तुम्हे अब अपना कहुँ
कोई और जो अपना कहने लगा है तुम्हे।
कोई शोर हूँ मैं, जो सुनाई नहीं देता
टूट चूका हूँ मैं।
पर पता नहीं क्यों किसी को दिखाई नहीं देता।
लिख देता हूँ तुम्हे समेटने के लिए
सब पढ़ लेते है पर कोई
ध्यान देता ही नहीं।
कोई ध्यान देता ही नहीं।
लिखी हुई कहानी एक अधूरी कहानी ही तो है
मैं जो कहता हूँ वो सभी बाते आसमानी ही तो है।
तुम्हे चोरी-चोरी देखता हूँ और छुप जाता हूँ
मेरी जिंदगी एक अधूरी सी कहानी ही तो है।
अधूरी सी कहानी ही तो है।
मेरे किताब के कुछ पन्ने खो गए
एक कहानी अधूरी सी रह गयी।
मैं सफर भी न रहा उसका और
मेरी मंज़िल भी खो गयी।
मंज़िल भी खो गयी।



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