झूठ था | Breakup motivation poem | Move on Shayari
आज की ये Poem एक Breakup motivation poem या move on shayari एक Fake Love के बारे मे है। जिसमे एक शक्स अपनी Girl Friend से बेहद प्यार करता था। उससे इतना ज्यादा प्यार करता था कि अगर उसकी Gf Sad होती तो हो भी Sad होता। अगर उसकी Gf Happy होती तो वो अपनी gf की smile देखकर अपनी सारी problems को भूलकर वो भी खुश वो जाता। खुद से भी ज्यादा उसे अहमियत देता था।
फिर एक दिन उसकी gf पैसों के लिए उसको छोड़ कर चली जाती है तो वो लड़का बहुत टूट जाता है। Sad रहने लगता है। depress हो जाता है। हमेशा खुद को कोसता रहता है। खुद को ही hurt करता रहता है। फिर वो finally move on करने का Decide करता है।
जब वो पूरी तरह से अपने past को भूल जाता है। अपनी life मे खुश रहने लगता है तो न जाने कहा से और कैसे उसकी Ex उसके सामने आ जाती है। जिसको देखकर वो थोड़ी देर के लिए टूट जाता है। लेकिन फिर वो उसके धोखे, उसकी बेवफाई को याद करता है तो उसको बेहद गुस्सा आता है। और Deep Down ये Realise होता है कि वो सब झूठ था।
आप साथ जुड़ने की कोशिश कीजियेगा आपको बड़ा मजा आएगा। और आज की हमारी ये Poem आपको Move on करने मे भी आपकी मदद करेगी।
अगर आपको हमारी आज की ये Breakup Motivation Poem या कहु की Move on shayari पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ share करे और हमे comments करके जरुर बताये की आपको ये poem किसी लगी । ताकि हम आपके लिए ऐसे ही articles लेकर आये। मैं आशा करता हूँ कि हमारी आज की हमारी इस breakup motivation poem पढ़कर आपको अच्छा लगे और आप अपने past को भूलकर present को अच्छे से enjoy करे। और life मे आगे move on कर पाये।
अब ज्यादा वक़्त जाया ना करते हुए मैं सीधा आज की हमारी poem पर आता हूँ जिसका नाम है
झूठ
था
प्यार
कितनी सच्चाई होती है ना
प्यार मे। लेकिन
BreakUp के बाद वो पूरी
सच्चाई एक झूठ मे
तब्दील हो जाती है।
और धीमे-धीमे हमे
ये Realise होता है कि
वो सब झूठ था।
क्या-क्या Realise होता है हमे
झूठ थी वो घड़ी
वो समा झूठ था.....
झूठ
थी वो घड़ी
वो समा झूठ था
तेरे
इश्क़ का वो बादल
घना
झूठ
था....
झूठ
थी वो फिज़ाये
वो बहारे झूठ थी....
झूठ
थी वो फिज़ाये
वो बहारे झूठ थी
अरे
! तेरे इश्क़ का वो
मौसम ही
झूठ
था....
एक आशिक़ क्या सोचता
है कि
जब उसकी महबूबा आ
जाती है तो बहारे
आ जाती है
अरे
! वो गाना भी है
ना कि
आने
से उसके आये बहार
जाने
से उसके जाये बहार
बड़ी
मस्तानी है मेरी महबूबा
लेकिन
जब जब इंसान को
धोखा मिलता है ना
उसी
प्यार मे
तो उसे सब समझ
आ जाता है कि
वो सब झूठ था
तब Realise होता है कि
तेरे
आने से जो आ
जाती थी
बहारे
गुलशन मे.....
तेरे
आने से जो आ
जाती थी
बहारे
गुलशन मे
मेरा
वहम था वो, वैम
था वो
बस यही गम है
मन मे
झूठ
थी वो फिज़ाये
वो बहारे झूठ थी
अरे
! तेरे इश्क़ का वो
मौसम ही
झूठ
था....
झूठ
थी सादगी
वो मासूमियत झूठ थी....
झूठ
थी सादगी
वो मासूमियत झूठ थी
बनावटी
तेरी वो हर अदा
झूठ
थी....
झूठ
थे तेरे होतो पर
वो लिबाज़ प्रेम के....
झूठ
थे तेरे होतो पर
वो लिबाज़ प्रेम के
अरे
! अब क्या कहु
तेरा
वो पूरा प्रेम ही
झूठ था
झूठ
थी वो नाराज़गी वो
अपनापन
झूठ
था....
मेरे
दिल का किया जो
अपहरण
झूठ
था....
और
last दो lines कि
झूठ थी तेरे मेरे साथ की वो आस....
झूठ
थी तेरे मेरे साथ
की वो आस
झूठ
था वो तेरे मेरे
प्यार का हर एक
अल्फ़ाज़
झूठ था....
अगर आपको हमारी आज की ये Breakup Motivation Poem या कहु की Move on shayari पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ share करे और हमे comments करके जरुर बताये की आपको ये poem किसी लगी । ताकि हम आपके लिए ऐसे ही articles लेकर आये। मैं आशा करता हूँ कि हमारी आज की हमारी इस breakup motivation poem पढ़कर आपको अच्छा लगे और आप अपने past को भूलकर present को अच्छे से enjoy करे। और life मे आगे move on कर पाये।


Comments
Post a Comment