सुन! वो जो वादे किए थे ना मुझसे | Sad Love Shayari | Heart Touching Poem | After Breakup Sad Poetry 2021
आज की मेरी जो Poem है वो एक ऐसे रिश्ते के बारे मे है, जिसमे अब प्यार नहीं बचा। तो मैं अपनी आज की ये Poem शुरू करता हूँ।
सुन, वो जो वादे किए थे ना मुझसे
उनका हिसाब चाहिए मुझे।
प्यार तु कर ना कर कोई फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन तेरे हर एक झुठ का जवाब चाहिए मुझे।
वो जो वक़्त दिया था ना मेने तुझे
उसमे देखा हर एक ख्वाब चाहिए मुझे।
तु याद मुझे कर ना कर कोई गिले-सिकवे नहीं
लेकिन मेरे सारे आशुओ का खिताब चाहिए मुझे।
कुछ तोहफे दिया करता था तुझे
उन्हें कभी अपने पास मत रखना।
और अगर कभी किसी चीज़ को देखकर
मेरी याद आ भी जाये तो
भुलकर भी मेरे पास वापिस आ जाने का
कोई अहसास मत रखना।
याद है,
कैसे वक़्त-बेवक़्त तु Phone किया करती थी ना।
उसमे बितायी हुई हरेक रात चाहिए मुझे।
और तेरी हरेक छोटी-से-छोटी गलती पर
मुझसे चुराया मेरा वो विशवास चाहिए मुझे।
याद है,
कैसे बेखौफ होकर डाट दिया करती थी तु।
कैसे बेखौफ होकर डाट दिया करती थी तु
तुझसे सुनी हुई वो हरेक डाट चाहिए मुझे।
मेरी दी हुई वो किताबे,
वो कपडे, वो हरेक बेजान चीज़े
भले ही तु रख ले।
लेकिन मेरा दिया हुआ वो प्यार,
वो बेइन्ताह प्यार अभी और आज चाहिए मुझे।
सुन! वो जो वादे किए थे ना मुझसे
उनका हिसाब चाहिए मुझे।
याद है,
रात-रात भर तेरे किस्से-कहानियाँ सुना करता था।
रात-रात भर तेरे किस्से-कहानियाँ सुना करता था
उन कहानियो ने चुराई वो नींद चाहिए मुझे।
और वो पल, वो वादे, वो कस्मे,
शायद तेरे लिए कुछ ना हो।
लेकिन उन पलो मे मुझसे मेरा लिया हुआ वो
यकीन चाहिए मुझे।
याद है,
किसी नाम से पुकारता था मैं तुझे।
उस पर कभी किसी और की बात मत सुनना।
बस मुस्कुरा कर कह देना कि
इस पर सिर्फ उसका हक़ था।
और एक सहमी हुई आवाज़ से तु पुकारा करती थी
उस आवाज़ मे दबी हुई वो मुस्कान चाहिए मुझे।
तेरे साथ नाम जुड़कर बहुत बार बदनाम हुआ मैं,
इसलिए अब मेरा वो सम्मान चाहिए मुझे।
तेरी बेबाक मोहब्बत मे एक जूनून छुपा था
वो जूनून चाहिए मुझे।
और शायद तेरे Baby, Babu, sona
से थक गया था।
इसलिए बरसो पहले खोया मेरा
वो सुकून चाहिए मुझे।
सुन, वो जो वादे किए थे ना मुझसे
उनका हिसाब चाहिए मुझे।
प्यार तु कर ना कर कोई फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन तेरे हर एक झुठ का जवाब चाहिए मुझे।
आखिरी चार लाइने कि
जिस इश्क़ के मुकम्मल होने की तु
बात किया करती थी ना।
जिस इश्क़ के मुकम्मल होने की तु
बात किया करती थी
उस बेनाम इश्क़ का कोई नाम चाहिए मुझे।
आगे तुझसे मिलु न मिलु इसकी परवाह नहीं
लेकिन तुझे इतने सालो तक झेलने का
कुछ तो इनाम चाहिए मुझे।
सुन, वो जो वादे किए थे ना मुझसे
उनका हिसाब चाहिए मुझे।
प्यार तु कर ना कर कोई फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन तेरे हर एक झुठ का जवाब चाहिए मुझे।



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